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NOTIFICATION
एम० आर० जे० डी० महाविद्यालय में सत्र 2018-2021 से डिग्री के
कक्षाओं की पढ़ाई
आरम्भ हुई.महाविद्यालय ललित नारयण मिथिला विश्वविद्यालय एवं राज्य सरकार से स्थायी
सम्बद्धता प्राप्त है.महाविद्यालय में डिग्री स्तर पर विज्ञानं,कला एवं वाणिज्य के सभी
विषयों की पढ़ाई होती है .
हाल ही में महाविद्यालय को वन डिस्ट्रिक्ट वन ग्रीन चैम्पियन हेतु राष्ट्रीय स्तर पर चयनित
किया गया है.
एम० आर० जे० डी० महाविद्यालय की स्थापना 02 अक्टूबर 1980 गुरुवार को प्रबंधकारिणी
समिति के
तत्कालीन अध्यक्ष महंत राम जीवन दास जी के द्वारा की गई थी.
5000
Students
10000
Books In Library
1000
Teachers
1980
Establishment
Hon'ble Governer
Bihar
Hon'ble Chief Minister
Bihar
Hon'ble Vice Chancellor LNMU, Darbhanga
Principal - Mahant Ram Jiwan Das College
Our dorm rooms are cheap and very nice.
We have a well stocked and maintained library.
The students are being
taught by
experienced faculty members.
We try to provide clean
and green
atmosphere for students.
Well-equipped labs are one
of our
speciality.
I had a great time in college all the teachers are very friendly and enthusiastic. Thanks.
Motivated and inspiring teacher, great to read here,
thank you.
Thanks.
It was incredible, time flew by and provided one with so much scope in life. Thanks.
This college gave me so many moments, memories and knowledge to cherish forever. Thanks.
जो हमें अनुशासित करती है, वह विद्या है,जो हमें मुक्ति देती है वह विद्या है। स्पष्ट है कि शिक्षा अज्ञानतारूपी मरुस्थल में भी ज्ञान की गंगा बहाती है। शिक्षा व्यक्ति, समाज और राष्ट्र की प्रगति के लिए आवश्यक है। शिक्षा अंधेरे से उजाले की ओर ले जाती है। यह जीवन को प्रकाशमय करती है। मानवीयता की चेतना का संचार करती है ताकि मनुष्य स्वार्थ एवं ईर्ष्या की भावना से ऊपर उठकर विश्व बंधुत्व के उच्च आदर्शों पर काम कर सके। शिक्षा व्यक्ति को अपने अधिकार एवं कर्तव्यों के प्रति जागरुक बनाती है। समाज में व्याप्त अंधविश्वास, असमानता और गैर-बराबरी को दूर करने में सहायक साबित होती है।भारतीय धर्मग्रंथ एवं समाज सदैव से शिक्षा के महत्व को समझता रहा है तथा इसके उन्नयन के लिये प्रयत्नशील रहा है। गुरु महिमा के बखान को केवल इस चीज से समझा जा सकता है कि सिख धर्म के पवित्र ग्रंथ गुरुग्रंथसाहिब में भी वर्णित है- विद्या विचारी तां परोपकारी । इस्लाम के पवित्र धर्मग्रंथ क़ुरान शरीफ़ का पहला वाक्य है ‘इक़रा’, अर्थात पढ़ो भी इसी तरफ इशारा करता है ।
This section will deal with all the information pertaining to a student such as
personal,
academic as well as
digital document and student report.
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